कुंडली में छुपा है भविस्य का रहस्य

इस अंक में आपको में आपको में कुंडली छिपे उन गूढ़ रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करूंगा जो आपके भविस्य निर्धारण में मह्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे !मानव जीवन पूर्णतः ग्रहों के परस्पर आकर्सन से बंधा हुआ हे और उसी के फलस्वरूप मानव जीवन संचालित होता हे ! ग्रहों की गति एक सुनिचित पथ पर एक निश्चित समय के द्वारा बंधी हुई हे अतः यह एक शुद्ध गाडित का कार्य हे और गाडित अपने आप में पूर्ण सत्य हे तथा विश्व के किसी भी भाग में गडित का फल अपने आप में एक स्पस्ट सा होता हे हमारा जीवन भी इस पूरे ब्रह्माण्ड का एक अंश हे अतः ब्रह्माण्ड गतिशील ग्रहों नक्छत्रों के प्रभाव को मानव जीवन पूर्ण छमता के साथ झेलता हे !हमरा उदेस्य कुंडली में समाहित कुछ ऐसे योगों को ढूंढ़कर पाठकों को जानकारी देना हे जिसे जानकार हम अपने जीवन को एक सही लछ्य निर्धारित कर सकते हैं!

कुछ महवपूर्ण योग

१. किसी भी प्रशासनिक सेवा के लिए कुंडली में दसम भाव का बलि होना या दसमेश और सूर्य की लग्न ,पंचम ,नवम में युति होना एक निश्चित ही आपको एक सफल प्रशासनिक अफसर बनाती हे !

२. इसी तरह न्याय प्रणाली व्यस्वस्था में सर्वश्रेष्ठ सफलता के लिए दसमेश का सनी के साथ सम्बन्ध होना आवश्यक हे उच्च राशिगत शनि भी अपनी दशा में इस छेत्र में आपको सफल बनाती हे

३. चिकित्षा छेत्र में कामयाब होने के लिए लग्नेश पच्मेश के साथ मंगल की युति या पच्मेश और मंगल का शुभ सम्बन्ध होना आवश्यक होता हे !

४. चार्टेंट अकाउंट के लिए गुरु +बुध का त्रिकोण सम्बन्ध आपको फांईनेंस और अकाउंट छेत्र में निश्चित ही ले जाता हे ये युति अगर द्वादस भाव में हो तो आप विदेश में जाकर अपना कार्येचेत्र बढ़ाएंगे !

इसे पढ़ें:  शनि गृह ज्योतितिष एंव खगोलिय तत्य

५. इसी तरह रक्छा विभाग में सफलतम भविस्य बनाएं के लिए मंगल का लग्न पर शुभ प्रभाव तथा पच्मेश और लग्नेश का परस्पर गति परिवर्तन योग या पच्मेश के साथ मंगल की युति होना आवश्यक होता हे !

६. इसी तरह खेल जगत में सफल होने के लिए खेल का कारक गृह बुध का बलवान होना आवश्यक या तृतीयेश के साथ शुभ सम्बन्ध होना आवश्यक होता हे महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की कुंडली में तृतीयेश और लग्नेश की भाग्य में युति इसका सटीक उदहारण हे !

७. ग्लेमर की दुनिया में कामयाब होने के लिए शुक्र का लग्न पर प्रभाव तथा अभिनय के छेत्र में द्वितीय भाव में शुभ ग्रहों का होना आवश्यक होता हे

८. गायन के छेत्र में द्वितीय भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव तथा द्वितियेश के साथ च्नद्र या शुक्र का त्रिकोण या केंद्र में युति निश्चित आपको एक पेशेवर गायक बनाती हे !

मित्रों इन्ही सब अनेक उदाहरण से स्पस्ट हो जाता हे कि कुंडली में जीवन के अनेक गूढ रहस्यों को उजागर का र हम सफल हो सकते हैं

Call Now: +91-77026-20132